- भस्म आरती: मस्तक पर भांग, चन्दन, रजत चंद्र और आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
- महाकालेश्वर मंदिर में अब भक्तों को मिलेंगे HD दर्शन, SBI ने दान में दी 2 LED स्क्रीन
- उज्जैन में कला और संस्कृति को मिलेगा नया मंच, 1989.51 लाख रुपये में बनेगा प्रदेश का पहला 1000 सीट वाला ऑडिटोरियम!
- भस्म आरती: रजत के आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
- प्रयागराज महाकुंभ के लिए न्योता देने महाकाल नगरी पहुंचे नेपाली बाबा, मायापति हनुमान मंदिर में विश्राम कर भक्तों से की चर्चा
कार्तिक अगहन मास में भगवान महाकाल की पांच सवारी निकलेगी
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर की परंपरा में श्रावण-भादौ मास की तरह कार्तिक-अगहन मास में भी भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर शिप्रा तट जाएंगे। कार्तिक शुक्ल अष्टमी पर 20 नवंबर को कार्तिक अगहन मास की पहली तथा 11 दिसंबर को शाही सवारी निकलेगी।
शुक्ल पक्ष से शुरू होगा सवारी का क्रम हिन्दू धर्मपरंपरा में प्रत्येक माह की शुरुआत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से होती है। लेकिन महाराष्ट्रीयन परंपरा में किसी भी माह का शुभारंभ शुक्ल पक्ष से होता है। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में मराठा काल का विशेष प्रभाव है।
यही कारण है कि कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकाल की सवारी निकालने का क्रम कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष में आने वाले प्रथम सोमवार से होता है। इस बार कार्तिक शुक्ल पक्ष में पहला सोमवार 20 नवंबर को रहेगा। इसलिए इस दिन से सवारी निकालने की शुरुआत होगी।